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Delhi: जीटीबी अस्पताल में प्रसूता ने बेटे से बच्ची बदलने के लगाए आरोप, डीएनए रिपोर्ट भी नहीं मान रहे परिजन

नवजात (सांकेतिक तस्वीर)

नवजात (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : Social Media

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दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां अस्पताल में भर्ती एक महिला ने प्रसव के बाद बेटे को बच्ची से बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बवाल बढ़ने पर अस्पताल निदेशक की ओर से कराई गई डीएनए जांच में भी बच्ची का अपने पिता से डीएनए मेल खा गया। इसके बाद भी परिजन ये मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसने बेटी को ही जन्म दिया था।

परिवार के मुताबिक, जीटीबी अस्पताल के वार्ड नंबर 10 में दाखिल गर्भवती उर्मिला ने 16 सितंबर को रात 11.20 पर एक बेटे को जन्म दिया था, डॉक्टरों ने उन्हें व परिजनों को बच्चा दिखा भी दिया था और सभी पेपरों में लिंग के सामने मेल भी लिखा था। सारा परिवार खुश था, लेकिन ये खुशी तीन घंटे में काफूर हो गईं। तीन घंटे बाद उर्मिला को बेटी थमा दी गई, जब उर्मिला व परिजनों ने विरोध किया तो आनन-फानन दस्तावेजों को बदल दिया गया और इस विषय को डॉक्टरों की गलती मानकर मामले को रफादफा करने का प्रयास किया जा रहा है।

विवाद के बाद पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था। वहीं, जीटीबी अस्पताल के निदेशक सुभाष गिरी के मुताबिक, बवाल बढ़ने पर डीएनए जांच की सिफारिश की गई थी। डीएनए रिपोर्ट में बच्ची का पिता से डीएनए मेल हो गया है। लेकिन इसके बाद भी बच्चे की मां उर्मिला व परिजन ये मानने के लिए तैयार नहीं हैँ की उर्मिला ने बेटी को जन्म दिया था।

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दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां अस्पताल में भर्ती एक महिला ने प्रसव के बाद बेटे को बच्ची से बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बवाल बढ़ने पर अस्पताल निदेशक की ओर से कराई गई डीएनए जांच में भी बच्ची का अपने पिता से डीएनए मेल खा गया। इसके बाद भी परिजन ये मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसने बेटी को ही जन्म दिया था।

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