उन्होंने बताया कि ग्रैप तीन दिन के पूर्वानुमान पर लागू होगा, लेकिन इसके आउटलुक पर भी नजर रहेगी। आउटलुक के आधार पर तैयारियां शुरू हो जाएंगी। बारिश के बाद से प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ा है। आईआईटीएम पुणे के पूर्वानुमान के अनुसार, 29 और 30 सितंबर को प्रदूषण थोड़ा बढ़ेगा। लेकिन यह सामान्य स्तर पर ही बना रहेगा। एक अक्टूबर को इसमें और बढ़ोतरी होगी पर यह सामान्य रहेगा। 4 अक्टूबर से इसमें सुधार होने की संभावना है।
खराब स्टेज पर क्या होगा?
एजेंसियां क्या करेंगी
- धूल कंट्रोल करने के उपाय पूरे किए जाएं
- 500स्क्वायर मीटर साइज से बड़े निर्माण यदि दिल्ली सरकार के वेब पोर्टल में रजिस्टर्ड नहीं हैं तो वहां काम बंद होगा
- कूड़े का निस्तारण ठीक और समय पर हो
- मैकेनिकल स्वीपिंग और सड़कों पर पानी का छिड़काव
- निर्माणाधीन साइटों पर तय नियमों के हिसाब से एंटी स्मॉग गन लगी हों
- खुले में कूड़ा न जले
- जहां अधिक रहता है ट्रैफिक वहां ट्रैफिक पुलिस तैनात हो
- यदि कोई गाड़ी धुंआ छोड़ती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई करें
- बिजली के कट कम लगेंगे
- डीजल जनरेटर का इस्तेमाल नियमित बिजली सप्लाई के लिए नहीं होगा
लोग क्या करेंगे
- अपनी गाड़ियों के इंजन की ट्यूनिंग करवाएं
- टायर में पूरी हवा रखें और इसकी नियमित जांच करवाएं
- पीयूसी सर्टिफिकेट अप टु डेट रखें
- रेड लाइट पर अपनी गाड़ी के इंजन बंद करें
- कूड़े को खुले में न डालें
- यदि प्रदूषण दिखता है तो 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप आदि पर शिकायत करें
प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियों पर अक्टूबर से होगा एक्शन
रिहायशी इलाकों में प्रदूषण फैला रहीं जिन फैक्ट्रियों को सील किया गया था, उनमें से सिर्फ 1.2 प्रतिशत यूनिट ही डी-सील हुई हैं। पिछले 3-4 साल के दौरान स्टेप 1, 2 और 3 के तहत एमसीडी ने कुल 3502 फैक्ट्रियों की सील किया था। इसमें से सिर्फ 45 फैक्ट्रियां ही डी-सील की गई हैं। अक्टूबर से फिर एक बार रिहायशी इलाकों में चलने वाली उन फैक्ट्रियों को सील करने का प्लान है, जिनसे प्रदूषण फैल रहा है।