![Delhi News : घर की कुर्की के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची आसिया आंद्राबी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका](https://i0.wp.com/spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2021/01/11/750x506/ll-ii_1610380586.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
– फोटो : ANI
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कश्मीरी आतंकी गुट दुख्तरान-ए-मिल्लत (डीईएम) की सरगना आसिया आंद्राबी घर की कुर्की के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची है। उसकी याचिका पर एनआईए ने अदालत को बताया कि जिस घर को कुर्क किया गया है, उसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में हो रहा था।
हालांकि, आंद्राबी की दलील है कि घर उसकी सास के नाम पर है, लिहाजा उसे कुर्क नहीं किया जा सकता। इसपर एनआईए ने साफ किया कि यूएपीए की धारा 2 (जी) और 2 (एच) के मुताबिक घर को आतंक फैलाने और आतंकी संगठन को पनाह देने के आरोप में कुर्क किया गया है।
एनआईए ने बताया कि जांच से यह साफ हो चुका है कि कुर्क घर का इस्तेमाल आतंकी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत के दफ्तर के तौर पर किया जा रहा था, जहां आसिया सहित कई आतंकी अक्सर मिलकर भारत विरोधी योजनाएं बनाते व पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी करते थे। इसके अलावा कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा साबित करने के लिए घर पर कई बार पाकिस्तानी झंडा भी फहराया गया था। निचली अदालत से एनआईए की कार्रवाई के खिलाफ राहत नहीं मिलने के बाद आंद्राबी ने हाईकोर्ट का रुख किया है।
एनआईए के मुताबिक घर का इस्तेमाल भारत संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने के लिए किया गया था, जो कि साफ तौर पर आतंकी कृत्य है। एजेंसी ने विधि सम्मत तरीके से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए घर की कुर्की की है।
एनआईए ने अदालत को बताया कि आंद्राबी सोशल मीडिया के जरिये भी भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहती आई है, उसके खिलाफ 39 मामले दर्ज हैं। एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर केस दर्ज कर आंद्राबी को 2018 में भारतीय दंड संहिता के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कई आरोपों में गिरफ्तार किया था।
आसिया के घर में रची गई भारत विरोधी साजिश : एनआईए
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि कश्मीरी आतंकी गुट दुख्तरान-ए-मिल्लत (डीईएम) की सरगना आसिया आंद्राबी घर भारत विरोधी साजिश रची गई थी। एनआईए की तरफ से घर की कुर्की के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची आंद्राबी की याचिका पर हाईकोर्ट ने एनआईए से जवाब मांगा था।
आंद्राबी ने याचिका में दलील दी है कि घर उसकी सास के नाम पर है, लिहाजा उसे कुर्क नहीं किया जा सकता। इसपर एनआईए ने अदालत को बताया कि घर को यूएपीए की धारा 2 (जी) और 2 (एच) के तहत कुर्क किया गया है। क्योंकि, घर का इस्तेमाल आतंक फैलाने और आतंकी संगठन को पनाह देने के लिए किया जा रहा था।
एनआईए ने हाईकोर्ट को बताया कि फोरेंसिक जांच व सबूतों के आधार पर यह साफ हो चुका है कि कुर्क घर का इस्तेमाल आतंकी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत के दफ्तर के तौर पर किया जा रहा था, जहां आसिया सहित कई आतंकी अक्सर मिलकर भारत विरोधी योजनाएं बनाते व पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी करते थे। इसके अलावा कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा साबित करने के लिए घर पर कई बार पाकिस्तानी झंडा भी फहराया गया था। लिहाजा, कुर्की के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया जाए।
निचली अदालत से एनआईए की कार्रवाई के खिलाफ राहत नहीं मिलने के बाद आंद्राबी ने हाईकोर्ट का रुख किया है। आंद्राबी ने दलील दी थी कि उनकी सास के घर को गैर-कानूनी तरीके से कुर्क किया गया है। जबकि, एनआईए का दावा है कि घर का इस्तेमाल भारत संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने के लिए किया गया था। इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि घर की कुर्की विधि सम्मत तरीके से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते की गई है। एनआईए ने अदालत को यह भी बताया कि आंद्राबी सोशल मीडिया के जरिये भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहती आई है, उसके खिलाफ 39 मामले दर्ज हैं।