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Exclusive: मिलिए PFI के कैडरों से- कोई करता था ISIS के लिए काम, तो कोई जाकर हो गया शामिल

हाइलाइट्स

PFI पर प्रतिबंध ठोस खुफिया सूचनाओं और सबूतों पर आधारित था.
CNN-News18 ने विशेष रूप से कई PFI सदस्यों का डिटेल्स एक्सेस किया है.
कई “युद्ध” में भाग लेने के लिए सीरिया-इराक की यात्रा करने में कामयाब रहे.

नई दिल्ली. देश भर में छापेमारी, गिरफ्तारियां और उसके बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध ठोस खुफिया सूचनाओं और सबूतों पर आधारित था. अधिकारियों ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया कि इससे संगठन के गिरफ्तार नेता भी इनकार नहीं कर सकते हैं. अब तक कि जांच में यह भी स्थापित हुआ है कि पीएफआई के कई कैडर इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल हुए. कुछ को आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए पश्चिम एशिया की यात्रा करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था.

CNN-News18 ने विशेष रूप से कई PFI सदस्यों का डिटेल्स एक्सेस किया है, जो ISIS की ओर आकर्षित हुए. उनमें से कई “युद्ध” में भाग लेने के लिए सीरिया-इराक की यात्रा करने में कामयाब रहे. अन्य ने आतंकवादी समूह के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके खोजे. और कुछ भारत की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के हाथों पकड़े गए.

सफवान पुक्कोटिल, केरल के मलप्पुरम में पोनमुंडम के निवासी
साल 2016 में सफवान को एनआईए ने केरल में कुख्यात ‘उमर अल हिंदी’ इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल (आरसी-05/2016/एनआईए/कोच्चि) का हिस्सा होने के लिए गिरफ्तार किया था. बाद में उसे मामले में दोषी ठहराया गया था. एनआईए अदालत ने उसे 8 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. एजेंसियों द्वारा पूछताछ से पता चला कि वह एक सक्रिय पीएफआई कैडर था और ग्राफिक डिजाइनर के रूप में कोझिकोड में ‘थेजस डेली’ (पीएफआई का मुखपत्र) का हिस्सा था.

सफवान पुक्कोटिल (फाइल फोटो/News18)

केरल के कन्नूर में चोकली के रहने वाले मनसीद महमूद कुन्नुमल
सफवान के साथ, मामले में उसके सह-आरोपी मनसीद को दोषी ठहराया गया था, और उसे 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. एजेंसियों द्वारा पूछताछ से पता चला कि वह 12 साल तक PFI का सदस्य था और कतर में अपने 8 साल के प्रवास के दौरान, वह संगठन के विदेशी विंग का सदस्य था. वह अपने पैतृक स्थान पर रहते हुए पीएफआई के खुफिया विभाग का क्षेत्रीय संवाददाता था.

मनसीद महमूद कुन्नुमल (फाइल फोटो/News18)

ख्वाजा मोइदीन, निवासी कडलूर, तमिलनाडु
भारत में कुख्यात इस्लामिक स्टेट आतंकवादी ख्वाजा मोइदीन (मई 2020 में एनआईए द्वारा गिरफ्तार) एक आईएसआईएस मॉड्यूल का नेतृत्व कर रहा था. यह तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में पुलिस अधिकारी विल्सन की हत्या के लिए जिम्मेदार था.

ख्वाजा मोइदीन (फाइल फोटो/News18)

मामले में उसके सहयोगी, कन्याकुमारी, तमिलनाडु स्थित सैयद अली नवास और कडलूर के अब्दुल समद भी पीएफआई कैडर था. पूर्व में सैयद अली नवास को पीएफआई ने कई मामलों में कानूनी रूप से मदद की थी.

सैयद अली नवास (फाइल फोटो/News18)
अब्दुल समद (फाइल फोटो/News18)

अब्दुल खयूम, निवासी कन्नूर, केरल
अब्दुल साल 2017 में सीरिया/इराक में ISIS में शामिल हो गया. वह ISIS में शामिल होने से पहले PFI कार्यकर्ता था.

अब्दुल खयूम (फाइल फोटो/News18)

सफीर रहीमान, निवासी एर्नाकुलम, केरल
सफीर रहीमान 2016 में ISIS में शामिल होने के लिए सीरिया/इराक के लिए रवाना हुआ था. उसका परिवार पीएफआई फ्रंटल संगठन एसडीपीआई से जुड़ा था.

सफीर रहीमान (फाइल फोटो/News18)

शाजहां वेल्लुवा कैंडी, निवासी कन्नूर, केरल
शाजहां को 2017 में केरल (RC-02/2017/NIA) से ISIS से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जो संगठन में शामिल होने के लिए सीरिया जाने के प्रयास में था. एजेंसियों द्वारा पूछताछ में पता चला कि वह पीएफआई का सक्रिय सदस्य था और संगठन की कन्नूर इकाई के एक क्षेत्र का अध्यक्ष था.

शाजहां वेल्लुवा (फाइल फोटो/News18)

केपी अब्दुल रजाक (उर्फ अबू अहमद), निवासी कन्नूर, केरल
अब्दुल को शाजहां के केस (RC-02/2017/NIA) में गिरफ्तार किया गया था. उसने सीरिया में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने का प्रयास किया था. पूछताछ में पता चला है कि अब्दुल रजाक अपने इलाके में पीएफआई की गतिविधियों से जुड़ा था.

केपी अब्दुल रजाक (फाइल फोटो/News18)

मिदलाज, निवासी कन्नूर, केरल
मिदलाज को एनआईए ने उसे उसी आईएसआईएस मामले (आरसी-02/2017/एनआईए) में गिरफ्तार किया था. पूछताछ से पता चलता है कि वह 2013 में पीएफआई में शामिल हुआ था और कन्नूर जिले में PFI की मुंडेरी इकाई का सदस्य था.

मिदलाज (फाइल फोटो/News18)

राशिद मूलका वलप्पिल (उर्फ अबू सहल), निवासी मुंडेरी, केरल
राशिद को NIA ने ISIS केस (RC-02/2017/NIA) में गिरफ्तार किया था. पूछताछ में पता चला कि वह 2012 से पीएफआई का सदस्य था और उसने केरल के थालास्सेरी और पलक्कड़ में आयोजित संगठन के यूनिटी मार्च में भाग लिया था.

राशिद मूलका (फाइल फोटो/News18)

Tags: ISIS, PFI, Terrorism In India

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