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Delhi News: आप विधायक प्रमिला टोकस समेत 23 ने अभियोग तय करने के फैसले को दी चुनौती

सांकेतिक तस्वीर।

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– फोटो : सोशल मीडिया

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कोरोना महामारी के दौरान सिविक सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर अभियोग तय करने के मामले में आप विधायक प्रमिला टोकस, पार्षद अजय शर्मा समेत 23 आप नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अभियोग तय करने के फैसले को चुनौती दी है। अदालत ने उन्हें सरकारी अधिकारी के आदेश की अवहेलना और कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार का खतरा पैदा करने के आरोप में प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्रदान की थी। 

आप नेताओं ने साल 2020 में प्रदर्शन किया था और पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अतिरिक्त मुख्य मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने इन सभी के खिलाफ 13 सितंबर को दिए आदेश में धारा- 188, 269, 270,34 के तहत अपराध के आरोप तय किए गए थे। 

आप नेताओं ने इस फैसले को स्पेशल जज गीतांजलि गोयल के सामने चुनौती दी है। अदालत ने उनकी अपील पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। सीएमएम ने आप नेताओं और कार्यकर्ताओं को वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के बीच सिविक सेंटर के बाहर प्रदर्शन मामले में राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि न तो तथ्यों और न ही कानूनी, या तकनीकी आधार पर आरोपियों को मौजूदा केस से यह राहत दी जा सकती है। अदालत ने एक आरोपी अजय शर्मा के खिलाफ पेश न होने पर जमानती वारंट जारी किया था। 

पुलिस ने इसी साल 4 अप्रैल को 23 आरोपियों के मामले में चार्जशीट दायर की थी। अभियोजन के मुताबिक आप नेताओं ने 7 सितंबर 2020 में सिविक सेंटर के गेट नंबर 5 के सामने धरना प्रदर्शन की कथित तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों से मंजूरी तक नहीं ली थी। अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन किया था। सभी को तभी जमानत भी मिल गई।

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कोरोना महामारी के दौरान सिविक सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर अभियोग तय करने के मामले में आप विधायक प्रमिला टोकस, पार्षद अजय शर्मा समेत 23 आप नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अभियोग तय करने के फैसले को चुनौती दी है। अदालत ने उन्हें सरकारी अधिकारी के आदेश की अवहेलना और कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार का खतरा पैदा करने के आरोप में प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्रदान की थी। 

आप नेताओं ने साल 2020 में प्रदर्शन किया था और पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अतिरिक्त मुख्य मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने इन सभी के खिलाफ 13 सितंबर को दिए आदेश में धारा- 188, 269, 270,34 के तहत अपराध के आरोप तय किए गए थे। 

आप नेताओं ने इस फैसले को स्पेशल जज गीतांजलि गोयल के सामने चुनौती दी है। अदालत ने उनकी अपील पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। सीएमएम ने आप नेताओं और कार्यकर्ताओं को वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के बीच सिविक सेंटर के बाहर प्रदर्शन मामले में राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि न तो तथ्यों और न ही कानूनी, या तकनीकी आधार पर आरोपियों को मौजूदा केस से यह राहत दी जा सकती है। अदालत ने एक आरोपी अजय शर्मा के खिलाफ पेश न होने पर जमानती वारंट जारी किया था। 

पुलिस ने इसी साल 4 अप्रैल को 23 आरोपियों के मामले में चार्जशीट दायर की थी। अभियोजन के मुताबिक आप नेताओं ने 7 सितंबर 2020 में सिविक सेंटर के गेट नंबर 5 के सामने धरना प्रदर्शन की कथित तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों से मंजूरी तक नहीं ली थी। अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन किया था। सभी को तभी जमानत भी मिल गई।

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