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BJP Vs AAP: केजरीवाल को उन्हीं के जाल में फंसाने की तैयारी में भाजपा, MLA खरीद के आरोपों पर हो सकती है मुश्किल

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अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही विभिन्न पार्टियों के नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी और दिवंगत नेता अरूण जेटली से लेकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक शामिल रही हैं। उनका लगाया कोई आरोप अब तक किसी अदालत में साबित नहीं हो पाया, लेकिन कहा जाता है कि आरोप लगाने से उन्हें काफी राजनीतिक लाभ हुआ और इसी के जरिए वे दिल्ली के मुख्यमंत्री तक बन गए। लेकिन भाजपा अब अरविंद केजरीवाल को उन्हीं के जाल में फंसाने की तैयारी कर रही है।

पार्टी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आम आदमी पार्टी के उस आरोप की जांच किए जाने की मांग कर दी है, जिसमें अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर उसके विधायकों को खरीदकर सरकार गिराने का आरोप लगाया था। संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि इस मामले की जांच होती है और आरोप गलत पाए जाते हैं, तो केजरीवाल और उनकी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

भाजपा ने क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के सातों सांसदों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से पत्र लिखकर विधायकों के खरीदे जाने के आरोपों की जांच किए जाने की मांग की है। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता बार-बार यह आरोप लगा रहे हैं कि उनके विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश की गई और इस तरह दिल्ली की सरकार गिराने की कोशिश की गई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वयं कहा है कि उन्हें स्वयं भाजपा में शामिल होने के लिए ऑफर किया गया था। लेकिन अब तक अरविंद केजरीवाल या उनकी पार्टी की ओर से इस आरोप की पुष्टि के लिए कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है।  

भाजपा का कहना है कि मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले में गंभीर आरोप हैं और वे जांच की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन पर शिक्षा मॉडल में भी फेरबदल कर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप है। पार्टी ने कहा है कि इन्हीं आरोपों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए आम आदमी पार्टी इस तरह के आरोप लगाती है, लेकिन इससे दूसरी पार्टियों और नेताओं की छवि खराब होती है, इसलिए इस मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।   

क्या हो सकती है परेशानी

संविधान विशेषज्ञ और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अमर उजाला से कहा कि यह मामला मानहानि के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था पर गलत नीयत से बिना किसी आधार के आरोप लगाना आईपीसी की धारा 499 के अंतर्गत कानूनन अपराध है। आरोप गलत पाए जाने पर आरोपित व्यक्ति को दो साल की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकती है।

उन्होंने कहा कि संविधान में इस तरह के मामलों पर कठोर कार्रवाई करने का प्रावधान न होने के कारण लोग आरोप लगाकर बच जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इंडियन पैनल कोड (आईपीसी) में बदलाव किए जाने की मांग की है। इसमें उन्होंने धार्मिक मामलों से लेकर आपराधिक मामलों तक के कानूनों में बड़े सुधार की गुंजाइश बताई है।

आम आदमी पार्टी का पलटवार

भाजपा के इस दांव से बिना विचलित हुए आम आदमी पार्टी ने जोरशोर से अपने आरोपों को दुहराया है। आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मारलेना ने एक प्रेस कांफ्रेंस आरोप लगाया है कि भाजपा किसी राज्य में चुनाव हारने के बाद वह ऑपरेशन लोटस शुरू कर देती है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में गैर-भाजपाई दलों की सरकारों के नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से जांच कराई जाती है, उसके बाद उन नेताओं को यह संदेश दिया जाता है कि वे उनकी पार्टी (भाजपा) ज्वाइन कर लें।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह की कोशिश दिल्ली सरकार के नेताओं के साथ की गई, विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये देने का ऑफर किया गया, लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हो पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह पूरे देश में ऑपरेशन लोटस में 6300 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा है कि आम आदमी पार्टी सीबीआई निदेशक से मिलकर इस मामले की जांच किए जाने की मांग करेगी।

विस्तार

अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही विभिन्न पार्टियों के नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी और दिवंगत नेता अरूण जेटली से लेकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक शामिल रही हैं। उनका लगाया कोई आरोप अब तक किसी अदालत में साबित नहीं हो पाया, लेकिन कहा जाता है कि आरोप लगाने से उन्हें काफी राजनीतिक लाभ हुआ और इसी के जरिए वे दिल्ली के मुख्यमंत्री तक बन गए। लेकिन भाजपा अब अरविंद केजरीवाल को उन्हीं के जाल में फंसाने की तैयारी कर रही है।

पार्टी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आम आदमी पार्टी के उस आरोप की जांच किए जाने की मांग कर दी है, जिसमें अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर उसके विधायकों को खरीदकर सरकार गिराने का आरोप लगाया था। संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि इस मामले की जांच होती है और आरोप गलत पाए जाते हैं, तो केजरीवाल और उनकी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

भाजपा ने क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के सातों सांसदों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से पत्र लिखकर विधायकों के खरीदे जाने के आरोपों की जांच किए जाने की मांग की है। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता बार-बार यह आरोप लगा रहे हैं कि उनके विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश की गई और इस तरह दिल्ली की सरकार गिराने की कोशिश की गई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वयं कहा है कि उन्हें स्वयं भाजपा में शामिल होने के लिए ऑफर किया गया था। लेकिन अब तक अरविंद केजरीवाल या उनकी पार्टी की ओर से इस आरोप की पुष्टि के लिए कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है।  

भाजपा का कहना है कि मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले में गंभीर आरोप हैं और वे जांच की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन पर शिक्षा मॉडल में भी फेरबदल कर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप है। पार्टी ने कहा है कि इन्हीं आरोपों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए आम आदमी पार्टी इस तरह के आरोप लगाती है, लेकिन इससे दूसरी पार्टियों और नेताओं की छवि खराब होती है, इसलिए इस मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।   

क्या हो सकती है परेशानी

संविधान विशेषज्ञ और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अमर उजाला से कहा कि यह मामला मानहानि के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था पर गलत नीयत से बिना किसी आधार के आरोप लगाना आईपीसी की धारा 499 के अंतर्गत कानूनन अपराध है। आरोप गलत पाए जाने पर आरोपित व्यक्ति को दो साल की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकती है।

उन्होंने कहा कि संविधान में इस तरह के मामलों पर कठोर कार्रवाई करने का प्रावधान न होने के कारण लोग आरोप लगाकर बच जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इंडियन पैनल कोड (आईपीसी) में बदलाव किए जाने की मांग की है। इसमें उन्होंने धार्मिक मामलों से लेकर आपराधिक मामलों तक के कानूनों में बड़े सुधार की गुंजाइश बताई है।

आम आदमी पार्टी का पलटवार

भाजपा के इस दांव से बिना विचलित हुए आम आदमी पार्टी ने जोरशोर से अपने आरोपों को दुहराया है। आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मारलेना ने एक प्रेस कांफ्रेंस आरोप लगाया है कि भाजपा किसी राज्य में चुनाव हारने के बाद वह ऑपरेशन लोटस शुरू कर देती है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में गैर-भाजपाई दलों की सरकारों के नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से जांच कराई जाती है, उसके बाद उन नेताओं को यह संदेश दिया जाता है कि वे उनकी पार्टी (भाजपा) ज्वाइन कर लें।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह की कोशिश दिल्ली सरकार के नेताओं के साथ की गई, विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये देने का ऑफर किया गया, लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हो पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह पूरे देश में ऑपरेशन लोटस में 6300 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा है कि आम आदमी पार्टी सीबीआई निदेशक से मिलकर इस मामले की जांच किए जाने की मांग करेगी।

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