तीस हजारी के इस स्कूल में क्लास-6 में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट के पिता ने बताया, यह 15 दिन से चल रहा है। 9 से 12 क्लास की स्टूडेंट्स का 10 से 12 छात्राओं का एक ग्रुप छोटी बच्चियों को परेशान कर रहा है। करीब 15 दिन पहले जब मैं अपनी बेटी को स्कूल लेने गया तो एक स्टूडेंट ने कैब ड्राइवर को मेरे सामने बताया कि आज वॉशरूम में दो दीदियों के बीच ब्लेड से हाथ काटने का कॉम्पिटिशन हुआ। मैंने बच्ची से पूछा कि क्या इस बारे में टीचर्स को पता चला तो उसने कहा कि नहीं, वहां कोई टीचर या गार्ड नहीं था और सीसीटीवी भी नहीं था। मेरी बेटी ने भी बताया कि यह ग्रुप जूनियर बच्चों को ब्लेड दिखाकर डराता है, गाली देता है, फील्ड में खेलने नहीं देता, उनका आईडी कार्ड छीन लेता है, उन्हें धक्का देता है। इसी तरह एक पैरंट ने बताया कि उनकी बच्ची के हाथ में छोटा-सा कट किसी सीनियर ने मारा है। 7वीं की स्टूडेंट की मां ने बताया कि उनकी बच्ची को पानी में घोलकर कुछ पिला दिया, जिससे उसे उल्टी होने लगी।
पैरंट्स का कहना है कि प्रिंसिपल का रवैया उनकी शिकायतों के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं था। उनका कहना है कि हमें यकीन है कि स्कूल को शिकायतें पहले ही मिलने लगी थीं, इसलिए दो दिन के लिए स्कूल छोटे बच्चों के लिए बंद किया गया था। काफी प्रदर्शन के बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि सीसीटीवी लगाए जाएंगे, ताकि उन लड़कियों का पता चल सके। पैरंट्स का कहना है कि यह पूरी तरह से जूनियर्स लड़कियों को बुली करने का मामला है। एक बच्चे की मां कहती हैं, क्लास-5 में मेरी बेटी का कहना है कि दीदी लोग काफी बुली करते हैं और धमकाती हैं कि शिकायत की तो अच्छा नहीं होगा। बच्चियां वॉशरूम जाने से भी डरती हैं, क्योंकि कुछ घटनाएं ऐसी सामने आई हैं जिसमें सीनियर्स ने इन्हें वहां मस्ती के लिए दबोच लिया है। वहां ब्लेड भी पड़ी मिली हैं।